भुज
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भुज | |
— शहर — | |
निर्देशांक: (निर्देशांक ढूँढें) | |
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |
देश | भारत |
राज्य | गुजरात |
जनसंख्या | १३६,४२९ (२००१ के अनुसार ) |
क्षेत्रफल • ऊँचाई (AMSL) | • ११० मीटर |
भुज भारत के गुजरात प्रांत का एक प्रमुख शहर है। भुज शहर की स्थापना 1548 में राव खेंगारजी ने की थी। राव लखपतिजी के शासनकाल में निर्मित आइना महल स्थापत्य कला का एक सुंदर नमूना है, जिसे अब संग्रहालय में बदल दिया गया है। २००१ में ईस ईलाके में भयनकार भूकंप आया था।
अनुक्रम
जनसंख्या[संपादित करें]
1991 की जनगणना के अनुसार भुज शहर की जनसंख्या 1,02,176 है। २००८ की जनगणना के अनुसार भुज की जनसख्या १३६,४२९ है।
भूगोल[संपादित करें]
भुज की समुंद्र तल से उंचिए ११० मीटर है। भुज के पूर्व दिशा में ईक हिल स्टेशन है जिसका नाम भुजियो डूगर् है। यहाँ पर भुजिया का किला भी है जो भुज को मधेपुर कशबे से अलग करता है। यहाँ पर हमीरसार नामक ईक झील भी है। पुराना शहर ५ दरवाज़ो से घिरा हुआ है।
उद्योग और व्यापार[संपादित करें]
भुज गेहूँ, कपास, नमक और मवेशियों का व्यापारिक केंद्र है। ठप्पे की छपाई का कपड़ा, बंधेज, चाँदी का सामान और कढ़ाई वाले वस्त्रों के अलावा यह कच्छी हस्तशिल्प के लिए भी प्रसिद्ध है। भुज में देश का पहला बड़े पैमाने का सौर तालाब है।
परिवहन[संपादित करें]
भुज शहर सड़क, रेल और हवाई मार्ग द्वारा अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है। भुज ट्रेन के द्वारा दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद जैसे महानगरों से जुड़ा हुआ है। भुज का अपना हवाई अड्डा भी है जहाँ पर रोजाना मुंबई से हवाई जहाज़ आते हैं। राज्य परिवहन निगम की बस बस स्टैंड से मिलती है।
शिक्षा[संपादित करें]
अल्फ़्रेड हाइ स्कूल कॅच में १८७० में स्थापित किया गया था जो यहाँ का पहला स्कूल है। भुज यूनिवर्सिटी के अंतर्गत २८ कॉलेज आते हैं जिनमे से ७ भुज के अंदर ही है। भुज शहर में राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, रामजी रावजी ललन महाविद्यालय और श्री जे. बी ठक्कर कॉमर्स महाविद्यालय समेत कई महाविद्यालय हैं।
संस्कृति[संपादित करें]
भुज हटखरघा के कामो के लिए जाना जाता है। पास के गाओं के कलाकार अपने हातो से निर्मत वस्तुए भुज में बेचने के लिए लाते हैं।
भुज तालुका[संपादित करें]
मेघपुर, माधापर, कुक्मा, नागोर, धानेती, हजपर, रहा, जम्बूदी, सुखपर, मिर्जापुर, मानकुवा, भारासर, बलदिया, कोडकी आंड खावडा, संतरा, देसलपर, सूरजपुर, नारनपुर, केरा, रामपुर (वेकरा) , डायसरा, मिर्जापुर, मानकुवा आदि गाओं भुज तालुका के अंतरगत आते हैं
भुज पर साहित्य[संपादित करें]
द भुज स्टोरी - आफ्टर द क्वेक (२००५) यह किताब २००१ के भूकंप से जुड़ी हुई सच्ची घटनाओं और अनुभवों पर आधरित है। इस किताब के लेखक रिशि मोहन सनवाल है, जो भूकंप के समय भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद में अध्य्यनरत थे। इसका प्रकाशन भारत सरकार के प्रकाशन विभाग ने किया है।
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